दिल की धड़कन को उसने कभी सुना ही नही | हिंदी शायरी - शायर शाद उदयपुरी

Akbar Khan Mushaira

दिल की धड़कन को उसने कभी सुना ही नहीं
प्यार जो दिल में है उसने कभी देखा ही नहीं

करें क्या शिकायत उससे अब
हाले-ए-दिल उसने कभी सुना ही नहीं

हम तो उसे ख़ुदा समझ बैठे रहे
उसने इंसा भी कभी समझा ही नहीं

वो ख़ुश रहे सदा यही दुआ है मेरी
मेरे जन्नत का रास्ता उसने देखा ही नहीं

देखना चाहता हूँ उसे हर ख़ुशियों के साथ
वो समझे ना समझे कभी सोचा ही नहीं

कुछ अनकही बातें रह गयी दिल में
आँखो से कहा भी, उसने समझा ही नहीं 

- शाद उदयपुरी

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