बस इतनी सी ख़्वाहिश है मिल के रहे सदा यहाँ | हिंदी शायरी - शायर शाद उदयपुरी

Akbar Khan Shayar

आओ ख़ुशनुमा माहोल बनायें
आप हमारे घर, हम आपके घर आयें

ना रहे दिलों में कोई दूरी
ऐसा एक संसार बनायें

करते रहें हम बातें यू ही
ज़िंदगी को आसां बनायें

ना हो कोई ग़म की बात
रहे सब सुखनवर यहाँ

बस इतनी सी ख़्वाहिश है
मिल के रहे सदा यहाँ-२

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