आप सा कोई देखा नहीं | रोमांटिक हिंदी ग़ज़ल शायरी by Shaad Udaipuri


रोमांटिक हिंदी ग़ज़ल शायरी

आप  सा  कोई देखा नहीं
दिल कहीं और लगता नहीं

हसरतें मेरी जगने लगीं
दर्देदिल मेरा मिटता नहीं

रहता है मुझसे अंजान वो
आज तक दिल ये समझा नहीं

बेपनहा इश्क़ तुझसे हुआ
कैसे तुझको ये दिखता नहीं

सिर्फ़ मैंने  ही समझा तुझे
तूने क्यूँ मुझको समझा नही

याद तू ही रही है मुझे
मैंने ख़ुद को भी सोचा नही

इश्क़ में जान दे  दे कोई
ऐसा  मैंने तो देखा नही

ग़म के गौहर मिलेंगे तुझे
मैं हूँ इंसान दरिया नही

इस क़दर मुझमें डूबा ना कर
तेरी ख़ातिर ये अच्छा नही

ग़म जो तूने दिए शुक्रिया
फिर भी देखो मैं रोया नही

मौसमों से बदल वो गए
आज तक 'शाद' बदला नही

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