हमें तुमसे मोहब्बत है तुम्हें ये कैसे समझाएँ | हिंदी ग़ज़ल शायरी by Shaad Udaipuri

हमें तुमसे मोहब्बत है तुम्हें ये कैसे समझाएँ
तड़प अपनी जुदाई की तुम्हें हम कैसे समझाएँ
तेरे आने की आहट को मेरा दिल जान लेता है
बड़ी शिद्दत की चाहत है तुम्हें ये कैसे समझाएँ
तुम आके भी नही मिलते तो दिल बेचैन होता है
हमारे दिल की धड़कन को बताओ कैसे समझाएँ
तेरी साँसों की खूशबू क्यूँ मुझे मदहोश करती हैं
कि मर जाएँगे तेरे बिन तुझे ये कैसे समझाएँ
तुम्हीं को ढूँढती रहती हैं हरपल ये निगाहें क्यूँ
मोहब्बत इसक़दर क्यूँ है कोई ये कैसे समझाएँ
तुम्हारी मय भरी आँखें शर्म से झुक सी जाती है
हमारा दिल क्यूँ तोड़ा है ये दिल को कैसे समझाएँ
दिया है दिल तुम्हीं को ही बहारें तुमसे तो ही है
यक़ीं ना हो तुम्हें तो फिर बताओ कैसे समझाएँ
जो जाते हो तुम हमसे दूर हमारी जान जाती हैं
तुम्हीं कह दो हम दिल को क्यूँ और कैसे समझाएँ
जब आते हो तुम मिलने को ख़ुशी का रंग खिलता है
मचलते दिल की धड़कन को बताओ कैसे समझाएँ
करूँ मैं क्या करूँ कि रोक लूँ जाने जहाँ तुमको
ग़ज़ल और गीत कहकर भी तुम्हें अब कैसे समझाएँ
मेरे दिल की ज़मीं पर तुम घटा बनके बरस जाओ
नही दरिया की चाहत 'शाद' तुम्हें ये कैसे समझाएँ
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