Hindi Shayari: बिना रोक टोक दिल में आते हो जाते हो by Shaad Udaipuri

बिना रोक टोक दिल में आते हो जाते हो
क्यूँ इसे बेवजह तुम हँसाते हो रुलाते हो
संभाले रखा है दिल में उन यादों का सफ़र
क्यूँ इसे बेवजह तुम हटाते हो भुलाते हो
वीरान सी दुनियाँ मेरे दिल के अरमानो की
क्यूँ इसे बेवजह तुम जलाते हो बुझाते हो
आना है तो आओ के फिर ना जाना कभी
क्यूँ जाने की बात कर सताते हो रुलाते हो
- शाद उदयपुरी
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