सिर्फ़ तुझपे है ऐतबार मुझे | हिंदी ग़ज़ल by Shaad Udaipuri
सिर्फ़ तुझपे है ऐतबार मुझे
अब तो आ जा, है इंतज़ार मुझे
तेरे आने की आस में दिलबर
पी रहा है यूँ सिगार मुझे
बस तेरी एक झलक पाने को
दिल ये करता है बेक़रार मुझे
मेरे दिल की हरिक ख़ुशी के लिए
करती रहती है तलबगार मुझे
तुझमें डूबा हूँ एक तिनके सा
ऐसे ना कर दरकीनार मुझे
जा रहा हूँ ना लौट आऊँगा
आ के तू देख एक बार मुझे
बन के बारिश तू मुझपे बरसा कर
चाहे कर दे तू फिर बीमार मुझे
ग़म में डूबा रहेगा 'शाद' सुनो
आ के दे दे तू ऐतबार मुझे
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